काश...
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काश…
आज फिर वही छोटी सी बच्ची बन जाऊँ,
जिसे प्यार से बुलाने के अनेकों ही नाम थे,
स्कूल में लिखवाए नाम को कम ही जानते थे |
जिसे झालर वाली फ्रॉक पहनने का शौक था,
फ्रॉक पर बने फ़ूलों से भी ज़्यादा खिला चेहरा था |
जिसे खूब ज़िद करना आता था और मनवाना भी,
जिसकी आँखों में ही बसते थे अनगिनत सपने भी |
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Hunsali Organic Farm and Farmstay
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Our daughter was asked to make a report on a dairy or a poultry farm as
part of her school holidays homework. While browsing through some of the
dairy far...
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